दिल्ली का लाल किला

लाल क़िला, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है।

लाल किला 1648 में पांचवें मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था, जब उन्होंने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया।

इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था।

इसे प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1959 के तहत राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी घोषित किया गया है,

दिल्ली का लाल किला वास्तव में आगरा के लाल किले से प्रेरित है, जिसे उनके दादा अकबर ने बनवाया था।

49.1815 हेक्टेयर (256 एकड़) में फैले दिल्ली के लाल किला परिसर में बगले का पुराना किला सलीमगढ़ भी शामिल है,

शाहजहाँ के दरबार के वास्तुकार उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने 1638 में निर्माण शुरू किया और 1648 में इसको पूरा किया।

अष्टकोणीय आकार का लाल किला अंग्रेजों के सत्ता में आने से पहले लगभग 200 वर्षों तक मुगल साम्राज्य की गद्दी बना रहा।

1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है।

भारत के प्रधानमंत्री हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद से यह परंपरा चल रही है।

घूमने का समय: 7:00 पूर्वाह्न – 5:30 अपराह्न घूमने के लिए खुला होने के दिन: मंगलवार से रविवार साप्ताहिक अवकाश: सोमवार प्रवेश शुल्क: 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं; भारतीय नागरिकों, सार्क और बिम्सटेक देशों के नागरिकों के लिए 10 रुपये; विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपये।

लाल किला घूमने का समय, प्रवेश शुल्क