Skip to content
hinditourist.in

Menu
  • Home
  • About Us
  • Contect Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
Menu

रणथंभोर का किला राजस्थान | Ranthambore Ka Kila In Hindi

Posted on April 5, 2021

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभोर का किला (Ranthambore Ka Kila Sawai Madhopur In Hindi) राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से लगभग 13 कि॰मी॰ दूर रणथंभोर नेशनल पार्क के बीच स्थित है। रणथंभोर का किला 12 कि॰मी॰ की परिधि में बना है। तथा दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को और मजबूत कर अजेय बनाती है।

यूनेस्को की विरासत संबंधी वैश्विक समिति की 36वीं बैठक में 21 जून 2013 को रणथंभोर किले को विश्व धरोहर घोषित किया गया।

रणथंभोर किले इतिहास | Hisitory of Ranthambore Fort

रणथंभोर किले का निर्माण राजा सज्जनवीर सिंह नागिल ने करवाया था और उसके बाद से उनके कई उत्तराधिकारियों ने रणथंभौर किले के निर्माण की दिशा में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया।

अबुल फजल ने रणथंभोर किले बारे में कहा कि “अन्य सब दुर्ग नंगे है,जबकि यह बख्तरबंद है।” राव हम्मीर देव चौहान की भूमिका रणथंभोर किले के निर्माण में प्रमुख मानी जाती है।

अलाउद्दीन खिलजी ने 1300 ईस्वी के दौरान रणथंभोर किले पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन ऐसा करने में वह विफल रहे। तीन असफल प्रयासों के बाद, अलाउद्दीन की सेना ने अंततः 1 जुलाई 1301 में रणथंभौर किले पर अपना कब्जा कर लिया था। तीन शताब्दियों के बाद अकबर ने इस किले का पदभार संभाला और 1558 में रणथंभौर राज्य को भंग कर दिया गया। 

18 वीं सदी के मध्य तक यह किला मुगल शासकों के कब्जे में रहा। 18 वीं शताब्दी में मराठा शासक अपने शिखर पर थे और उन्हें देखने के लिए जयपुर के राजा सवाईमाधो सिंह ने मुगलों को किला को उनके पास सौंपने का अनुरोध किया था। सवाईमाधोसिंह ने पास ही सवाई माधोपुर शहर को बसाया था।

Ranthambore Ka Kila Rajasthan

1192 में तहराइन के युद्ध में मुहम्मद गौरी से हारने के बाद दिल्ली की सत्ता पर पृथ्वीराज चौहान का अंत हो गया और उनके पुत्र गोविन्दराज ने रणथंभोर किले को अपनी राजधानी बनाया। गोविन्द राज के अलावा रणथंभोर दुर्ग पर वाल्हण देव, प्रहलादन, वीरनारायण, वाग्भट्ट, नाहर देव, जैमेत्र सिंह, हम्मीरदेव, महाराणा कुम्भा, राणा सांगा, शेरशाह सुरी, अल्लाऊदीन खिलजी, राव सुरजन हाड़ा और मुगलों के अलावा आमेर के राजाओं आदि का समय-समय पर इस किले पर शासन किया 

 
लेकिन इस किले की सबसे ज्यादा ख्याति हम्मीर देव (1282-1301) के शासन काल में रही। हम्मीरदेव का 19 वर्षो का शासन रणथंभोर किले का स्वर्णिम युग था। हम्मीर देव चौहान ने 17 युद्ध किए जिनमे 13 युद्धो में उसे विजय प्राप्त हुई। करीब एक शताब्दी तक ये दुर्ग चितौड़ के महराणाओ के अधिकार में भी रहा। खानवा के युद्ध में घायल राणा सांगा को इलाज के लिए इसी रणथंभोर दुर्ग में लाया गया था।

रणथम्भौर किले पर हमले 

रणथंभोर किले पर आक्रमणों की एक  लम्बी कहानी रही है जिसकी शुरुआत दिल्ली के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक से हुई और मुगल बादशाह अकबर तक चलती रही। मुहम्मद गौरी व चौहानो शासको के मध्य इस किले की प्रभुसत्ता के लिये 1209 में युद्ध हुआ। 
 

इसके बाद 1226 में इल्तुतमीश के साथ, 1236 में रजिया सुल्तान के साथ, 1248-58 में बलबन के साथ, 1290-1292 में जलालुद्दीन खिल्जी के साथ, 1301 में अलाऊद्दीन खिलजी के साथ, 1325 में फ़िरोजशाह तुगलक के साथ, 1489 में मालवा के मुहम्म्द खिलजी के साथ, 1529 में महाराणा कुम्भा ने, 1530 में गुजरात के बहादुर शाह के साथ, 1543 में शेरशाह सुरी ने आक्रमण किये। 1569 में इस किले पर दिल्ली के बादशाह अकबर ने आक्रमण कर आमेर के राजाओं के माध्यम से तत्कालीन शासक राव सुरजन हाड़ा से सन्धि कर ली।

अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी अमीर खुसरो ने अलाउद्दीन की विजय के बाद यह कहा कि “आज कुफ्र का गढ़ इस्लाम का घर हो गया है।’


यहाँ पर राजस्थान का पहला शाका हुआ सन् 1301 में अलाउद्दीन खिलजी के ऐतिहासिक आक्रमण के समय हुआ था। इसमें हम्मीर देव चौहान विश्वासघात के परिणामस्वरूप वीरगति को प्राप्त हुआ तथा उसकी पत्नी रंगादेवी ने जौहर किया था। इसे राजस्थान के गौरवशाली इतिहास का प्रथम साका माना जाता है।            

कई ऐतिहासिक घटनाओं व हम्मीरदेव चौहान के हठ और शौर्य के प्रतीक रणथंभोर के किले का जीर्णोद्धार जयपुर के राजा पृथ्वी सिंह और सवाई जगत सिंह ने कराया। महाराजा मान सिंह ने इस किले को शिकारगाह के रूप में परिवर्तित कराया। आजादी के बाद यह किला भारत सरकार के अधीन हो गया जो 1964 के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नियंत्रण में है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • ताजमहल आगरा, भारत की शान और प्यार का प्रतीक | Taj Mahal Agra In Hindi
  • बाला किला अलवर किला राजस्थान | Bala Kila Alwar In Hindi
  • शीश महल जयपुर राजस्थान | Sheesh Mahal Jaipur Rajasthan In Hindi
  • शेरगढ़ का किला बारां राजस्थान | Shergarh Fort Baran Rajasthan
  • बूंदी किला राजस्थान | Bundi Fort in Hindi Rajasthan

Archives

  • April 2022
  • December 2021
  • November 2021
  • October 2021
  • July 2021
  • June 2021
  • May 2021
  • April 2021
  • March 2021

Categories

  • Fort
  • lake
  • Monument
  • Museum
  • National Park
  • Palace
  • Rajasthan
  • Sanctuary
  • spetwell
  • Temple
  • Uttarprdesh
  • Wildlife
©2023 Hindi Tourist – Travel Guide in Hindi | Design: Newspaperly WordPress Theme