शेरगढ़ किला, धौलपुर राजस्थान | Shergarh Fort In Hindi

 

Shergarh Fort in Hindi शेरगढ़ किला, धौलपुर जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले को धौलपुर किले के नाम से भी जाना जाता है जो चंबल नदी के किनारे चंबल की खदानों के बीच स्थित है। यह किला पर्यटन प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है और एनएच 44 से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चंबल के बीहड़ों में स्थित धौलपुर हाईवे से शेरगढ़ के किले को देखा जाए तो यह आसानी से दूर से आने वाले हर राहगीर को अपनी ओर आकर्षित करता है। बरसात के दिनों में किला हरियाली से घिरा रहता है। और बरसात के दिनों में देखें तो यह किला किसी कश्मीर से कम नहीं लगता है।

चारों ओर हरियाली से आच्छादित उबड़-खाबड़ और हरी-भरी खाद के बीच ऐतिहासिक राजा महाराजाओं के समय में बनाई गई चारदीवारी हर आम आदमी को मोहित कर लेती है।

शेरगढ़ किले का इतिहास  |  Shergarh Fort History In Hindi

शेरगढ़ किले का निर्माण 1532 में जोधपुर के राठौर वंश के महाराजा मालदेव ने करवाया था। इसके बाद किले को शेरशाह सूरी के आक्रमण का सामना करना पड़ा। शेरशाह के अधीन आते ही किले का नाम शेरगढ़ किला रख दिया गया। शेर शाह सूरी ने 1540 में शेरगढ़ किले का जीर्णोद्धार कराया। शेरगढ़ किले को राजा महाराजाओं के समय में एक सैन्य छावनी के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

इसके चारों ओर ऊंचे गढ़ बने हैं। जिस पर सैनिक तैनात रहते हुए किले की रखवाली करते थे। कि शत्रु राजा चढ़ाई नहीं कर रहा है। किले के दो मुख्य द्वार हैं। जिनमें से एक पश्चिम की ओर और दूसरा दक्षिण की ओर स्थित है। पुराने समय में लोगों को धौलपुर से बाहर जाने के लिए इन फाटकों से गुजरना पड़ता था।

किले के निर्माण के समय ही तत्कालीन महाराज मालदेव ने यहां हनुमान जी का मंदिर बनवाया था जो आज भी स्थित है।

कैसे पहुंचें शेरगढ़ किला धौलपुर राजस्थान

शेरगढ़ किले का निकटतम रेलवे स्टेशन धौलपुर 5KM . है

धौलपुर किले का निकटतम हवाई अड्डा: – आगरा 70KM, दिल्ली 28oKM, जयपुर 275KM,

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